Shodashi No Further a Mystery

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॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥

A novel feature on the temple is the fact souls from any religion can and do present puja to Sri Maa. Uniquely, the temple management comprises a board of devotees from several religions and cultures.

ह्रीं‍मन्त्रान्तैस्त्रिकूटैः स्थिरतरमतिभिर्धार्यमाणां ज्वलन्तीं

वर्गानुक्रमयोगेन यस्याख्योमाष्टकं स्थितम् ।

Day: On any month, eighth working day on the fortnight, total moon day and ninth working day on the fortnight are claimed for being fantastic days. Fridays also are Similarly fantastic times.

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

यदक्षरमहासूत्रप्रोतमेतज्जगत्त्रयम् ।

The iconography serves as being website a point of interest for meditation and worship, permitting devotees to connect with the divine energy of the Goddess.

नाना-मन्त्र-रहस्य-विद्भिरखिलैरन्वासितं योगिभिः

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥५॥

The Mahavidya Shodashi Mantra fosters psychological resilience, supporting devotees approach life using a serene and regular mind. This gain is valuable for those experiencing tension, as it nurtures internal peace and a chance to retain emotional equilibrium.

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

The one who does this Sadhana gets like Cupid (Shodashi Mahavidya). He is transformed into a rich, preferred among women and blessed with son. He receives the caliber of hypnotism and achieves the self power.

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